रडती आंखो ने हसावनार कोई नथी़
हारी गयेला हैया ने मंजिल बतावनार कोई नथी
आंसू तो दरेक आंख मां होय छे़
ते आंसू सेना छे समंजनार कोई नथी़ ???
हारी गयेला हैया ने मंजिल बतावनार कोई नथी
आंसू तो दरेक आंख मां होय छे़
ते आंसू सेना छे समंजनार कोई नथी़ ???
जीवन का सत्य
'लोहा' नरम होकर
'औजार' बन जाता है,
'सोना' नरम होकर
'जेवर' बन जाता है !
'मिट्टी' नरम होकर
'खेत' बन जाती है,
'आटा' नरम होता है तो
'रोटी' बन जाती है !
ठीक इसी तरह अगर
"इंसान" भी नरम हो जाये
तो लोगो के❣ "दिलों" ❣मे अपनी
जगह बना लेता है !
'औजार' बन जाता है,
'सोना' नरम होकर
'जेवर' बन जाता है !
'मिट्टी' नरम होकर
'खेत' बन जाती है,
'आटा' नरम होता है तो
'रोटी' बन जाती है !
ठीक इसी तरह अगर
"इंसान" भी नरम हो जाये
तो लोगो के❣ "दिलों" ❣मे अपनी
जगह बना लेता है !
✏....."एक कागज का टुकड़ा
गवर्नर के हस्ताक्षर से
नोट बन जाता है,
जिसे तोड़ने, मरोडने,
गंदा होने एवँ जर्जर होने से भी
उसकी कीमत कम नहीं होती...
आप भी ईश्वर के हस्ताक्षर है,
जब तक आप ना चाहे
आपकी कीमत कम नहीं
हो सकती,
आप अनमोल है ,
अपनी कीमत पहचानिये
गवर्नर के हस्ताक्षर से
नोट बन जाता है,
जिसे तोड़ने, मरोडने,
गंदा होने एवँ जर्जर होने से भी
उसकी कीमत कम नहीं होती...
आप भी ईश्वर के हस्ताक्षर है,
जब तक आप ना चाहे
आपकी कीमत कम नहीं
हो सकती,
आप अनमोल है ,
अपनी कीमत पहचानिये
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